सदी का चौथा बंदर
ऐसे तो बहुतेरे दुनिया जगत में हर तरफ बंदर है लेकिन दुर्भाग्यवश अपने आप को इंसान समझते हैं । लेकिन
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Read Moreजिंदगी चलती नहीं हैकिसी के रूठने मान जाने से ,जिंदगी चलती रहती हैसांसों के आने जाने से , आपाधापी मची
Read Moreआजकल भगवान धरती पर भेजते समय कोई कला दे या ना दे.. या कुछ ज्यादा ही कला दे .. फिर
Read Moreवैसे तो दुनिया के अधिकांश देश अपने दुख से दुखी कम दूसरे देशों के सुख से दुखी ज्यादा रहते है।
Read Moreलल्लू भैया को अपने शहर के नेता जी को सुनने का अवसर मिला । शहर के बड़े से डिग्री कॉलेज
Read Moreअपने देश में राजनीति भी उद्योग धंधों के जैसे अपार संभावनाओं से भरा हुआ एक व्यापार है । जिसको इस
Read Moreभूपेंद्र भारतीय द्वारा लिखित ” भिया के तेजस्वी पंखे” व्यंग्य संग्रह वैसे तो धीरे-धीरे देश के कोने कोने में पहुंच
Read Moreअपने देश में जब-जब राज्यों के नगर निकाय चुनाव होते हैं चुनावी मेढको के टर्रटराहट का मौसम एक बार फिर
Read Moreआजकल का जमाना विज्ञापनों का है, सुई से लेकर हवाई जहाज सब के विज्ञापन दिन भर हमारी आंखों से गुजरते
Read Moreचुनाव आने वाले हैं चुनाव का संबंध नेताजी से है और नेताजी का संबंध चुनाव से है, जनता से है
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