गीत “मधुर वाणी बनाएँ हम”
हुआ मौसम गुलाबी अब, चलो दीपक जलाएँ हम। घरों में धान आये हैं, दिवाली को मनाएँ हम। बढ़ी है हाट
Read Moreहुआ मौसम गुलाबी अब, चलो दीपक जलाएँ हम। घरों में धान आये हैं, दिवाली को मनाएँ हम। बढ़ी है हाट
Read Moreआओ फिर से हम नये, उपहार की बातें करें प्यार का मौसम है, आओ प्यार की बातें करें। नेह की
Read Moreदीवाली पर आओ मिलकर, नन्हें दीप जलायें हम घर-आँगन को रंगोली से, मिलकर खूब सजायें हम आओ स्वच्छता के नारे
Read Moreउग आये शैवाल गाँव के तालों में पेंच फँसें हैं उलझे हुए सवालों में करूँ समर्पित कैसे गंगा जल को
Read Moreसम्बन्धों का है यहाँ, अजब-गजब संसार। घरवाली से भी अधिक, साली से है प्यार।। — अपनी बहनों से नहीं, करते
Read Moreबात करते हैं हम पत्थरों से सदा, हम बसे हैं पहाड़ों के परिवार में। प्यार करते हैं हम पत्थरों से
Read Moreधक्का-मुक्की रेलम-पेल। आयी रेल-आयी रेल।। इंजन चलता सबसे आगे। पीछे -पीछे डिब्बे भागे।। हार्न बजाता, धुआँ छोड़ता। पटरी पर यह
Read Moreधूप और बारिश से, जो हमको हैं सदा बचाते। छाया देने वाले ही तो, कहलाए जाते हैं छाते।। आसमान में
Read Moreसम्बन्धों की दुनियादारी, अनुबन्धों की बात करो। सपने कब अपने होते हैं, सपनों की मत बात करो।। लक्ष्य नहीं हो
Read Moreसूरज चमका नीलगगन में, फिर भी अन्धकार छाया धूल भरी है घर आँगन में, अन्धड़ है कैसा आया वृक्ष स्वयं
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