गजल
गज़ल _____________________________ सलीके से छुपा रहीं हर अज़ाब आपका हैं ये मुस्कुराहटें या हिजाब आपका शाद हुस्न बेरहम क़यामती निगाह
Read More# १५०वीं जयंती विशेष # गांधी के राम , काम और नाम मोहन दास करमचंद गांधी ; एक कृशकाय शरीर
Read More# कालिका स्तुति तू भव्य भ्रांत भामिनी तू काव्यकांत कामिनी तू दिव्य दीप्त दामिनी तू शुभ्र सौम्य शामिनी ….. नमन
Read More******* स्मृति शेष ******* घावसमय के निठुर बड़े , रिसते हैं प्रतिपल हन कर स्मृति -शेष प्रियवर के अब ,
Read Moreसर पर बोझा, कांधे बच्चे, छाती तक है पानी कैसे – कैसे दिन दिखलाती है ये नदिया रानी । इसके
Read Moreभावों के शुभ संप्रेषण हित मैं इसका आभारी हूं । मातृभाषा हिंदी मेरी , मैं हिंदी का व्यवहारी हूं ।।
Read More# प्रभात कामना जगमग जागी रेशमी किरणें बीत गई है रात नवल भोर है लेकर आई खुशियों की सौगात जागो
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