तू ही अर्धांगिनी नहीं है मेरी
तू ही अर्धांगिनी नहीं है मेरी, मैं भी अर्धांग तेरा हूँ। तू दिल का राजा, कहती, रानी, मैं तेरा चेरा
Read Moreतू ही अर्धांगिनी नहीं है मेरी, मैं भी अर्धांग तेरा हूँ। तू दिल का राजा, कहती, रानी, मैं तेरा चेरा
Read Moreप्रेम की चाहत, सबको रहती, नर हो, या फिर नारी है। नर, नारी को, प्यारा है तो, नारी, नर को
Read Moreगए जमाने बीत वह, कहलाते थे नाथ। हम तुमको ही नाथ दें, नहीं चाहिए साथ।। पिजड़ों को हम तोड़कर, आज
Read Moreप्रेम अमर है, कभी न मरता, प्रेम, प्रेम का, जीवन है। प्रेम ही पथ है, प्रेम पथिक है, प्रेम ही,
Read Moreहम प्यार करते हैं, कितना! कभी किसी से कह न सके। साथ चाहा था, हर पल तुमने, किंतु साथ हम
Read Moreऊपर वह ही चढ़ पाता है, समय-समय जो झुकता है। चरैवेति सृष्टि की चाल है, समय कभी ना रुकता है।।
Read Moreनर-नारी मिल, साथ-साथ चल, सुख का माहोल बनाते हैं। कष्ट सारे, छूमन्तर होते, जब, प्रेम गान मिल गाते हैं।। साथ
Read Moreसीधा-सच्चा पथ है मेरा। नहीं करता, मैं मेरा तेरा। ना कोई अपना, ना है पराया, सबका अपना-अपना घेरा। नर-नारी का
Read Moreअकेलेपन की साथी कविता। जहाँ न पहुँच सकता है सविता। सुनती, रोती, गाती है जो, मेरी सखी, सहेली कविता। कोई
Read Moreअपने बनकर देते, धोखे मिल जाते हैं, उनको मौके समय मिला, कुछ करना है। मिलकर, आगे बढ़ना है। शिखरों पर
Read More