मरता देखा है बसन्त!!
दुःखो का है नहीं अन्त! नहीं जानता मैं बसन्त!! बचपन कैसा सिसक रहा? बुढ़ापा भी तो दुबक रहा। जिस पर
Read Moreदुःखो का है नहीं अन्त! नहीं जानता मैं बसन्त!! बचपन कैसा सिसक रहा? बुढ़ापा भी तो दुबक रहा। जिस पर
Read Moreमैंने ना देखा बसन्त! मुद्दों को देखा ज्वलन्त! बच्चे को ना प्यार मिला। साथी को ना एतबार मिला। शिक्षा नाम
Read Moreशक्ति, धैर्य, प्रेम की देवी, समर्पण तेरी महानता है। कर्म छोड़कर निर्भरता की, ये कैसी समानता है?? नर से सदैव
Read Moreदेवी नहीं, मानवी ही समझो, देवी कहकर बहुत ठगा है। बेटी, बहिन, पत्नी, माता का, हर पल नर को प्रेम
Read Moreतेरी खुशी में आज मगन में। उड़ ले पंक्षी मुक्त गगन में।। बचपन तेरा घुटकर बीता। मजबूरी में दूध था
Read Moreअतीत पीछे छूट गया है, वर्तमान में कोई नहीं है। नर से दूर रहकर नारी, नींद चैन की सोई नहीं
Read Moreअकेले-अकेले नीरस जीवन, साथ में कोई आ जाओ तो। बिना हिचक सब कर दो अर्पण, प्रेम किसी का पा जाओ
Read Moreतुम्हें प्रेम हम करते कितना? इसका कोई माप नहीं है। कण-कण में बस तुम दिखती हो, नाम का केवल जाप
Read Moreकल प्राप्त एक समाचार के अनुसार मेरे एक साथी अध्यापक की भांजी की वैवाहिक विवादों के कारण हत्या कर दी
Read Moreकोरोना के काल में, आवागमन है बन्द। मंद-मंद जीवन चले, बाजार हुए है मंद।। घर सबको अच्छा लगे, घर में
Read More