बहुत याद आती हो!
आँखों के खुलते ही। भोर में उठते ही। तुम से ही रोशनी, बाहर निकलते ही। कोयल ज्यों गाती हो। बहुत
Read Moreआँखों के खुलते ही। भोर में उठते ही। तुम से ही रोशनी, बाहर निकलते ही। कोयल ज्यों गाती हो। बहुत
Read Moreनारी! नहीं केवल श्रद्धा हो, सृष्टि का आधार हो। शक्ति रूपिणी, माँ दुर्गा हो, प्रेम की पारावार हो। शहनशक्ति की
Read Moreतेरे बिन, मैं रहा अधूरा, प्रेमी संग तू पूरी है। संग साथ की चाहत मेरी, तेरी चाहत दूरी है। प्रेम
Read Moreसंग साथ की, इच्छा थी, पर, कोई भी साथ निभा न सकी। नहीं, चाह थी, रूप रंग की, मन की
Read Moreसाथ तेरा बस, मिल जाए तो, और न कुछ हमें पाना है। तू ही, दिल में बसती, प्यारी, तू
Read Moreहम तो पागल प्रेमी हैं, बस, पल-पल गाते प्रेम के गाने। दुनिया पागल कहती, कह ले, सुन लेंगे, जग
Read Moreनहीं कोई, गन्तव्य निर्धारित, पथिक हैं, पथ पर जाना है। चंद कदम है, मिला साथ बस, साथी! साथ निभाना है।।
Read Moreकाश! हम भी होते, किसी के लिए खास! कोई, हमारे लिए भी, करती अरदास। कोई, हमें भी, करती पसंद, डालती
Read Moreजीवन पथ पर, पथिक है चलना।राह में राही, सबसे है मिलना।पथिक तो आते, जाते रहते,रूकना नहीं, है अविरल चलना। आधा
Read Moreकाली, दुर्गा, सरस्वती नहीं हूँ, मैं साधारण सी नारी हूँ। हर युग में, मैं छली गई हूँ, प्रेम से कहकर
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