मजबूरी में साथ न आओ
चाह है केवल इतनी मेरी, तुम आगे बढ़ती जाओ। मजबूरी में साथ न आओ, कर्म करो, और पाओ।। अपनी कोई
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Read Moreरोते-रोते नेहा का बुरा हाल था। वह स्वयं भी नहीं समझ पा रही थी कि आज उसे इतना रोना क्यों
Read Moreशिक्षा किसी भी देश के विकास की आत्मा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में बुनियादी साक्षरता, शिक्षा व आजीविका के पहलू
Read Moreहोटल से निकलते ही ओटो रिक्शा मिल गया। रिक्शे वाले ने अपने आप ही मेरे पास आकर ओटो रोक लिया
Read Moreशिक्षा मानव विकास प्रक्रिया का आधारभूत घटक है। मानव विकास सूचकांक तैयार करते समय भी इसको पर्याप्त भार दिया जाता
Read Moreप्राचीन काल की बात है। एक गाँव में एक संयुक्त परिवार रहता था। नई पीढ़ियों के साथ-साथ परदादा, परदादी, दादा-दादी,
Read Moreमुरादाबाद जंक्शन का वातानुकूलित उच्च श्रेणी प्रतीक्षालय सामान्य रूप से भरा था। न तो बहुत अधिक भीड़ थी कि नवीन
Read Moreबेटी को हम बेटी समझें, भार मान क्यूँ बैठे हैं। कोरे हम आदर्श बखानें, व्यर्थ ही उससे ऐंठे हैं।। जिस
Read Moreजहाँ चाहो तुम, रहो वहाँ पर, साथ की, ना मजबूरी है। स्वस्थ रहो, और व्यस्त रहो, कुछ मस्ती भी तो
Read Moreसब कहते काली, काली है, वह, कानूनन घरवाली है। सुधा समझ जिसे, पीने चले थे, निकली विष की प्याली है।।
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