कर्म तुम्हें करना होगा
बातों से ना मंजिल मिलती, पल-क्षण नित चलना होगा। नव संवत शुभ हो, इस खातिर, कर्म तुम्हें करना होगा।। कैसा
Read Moreबातों से ना मंजिल मिलती, पल-क्षण नित चलना होगा। नव संवत शुभ हो, इस खातिर, कर्म तुम्हें करना होगा।। कैसा
Read Moreजागरूकता, प्रगतिशीलता, समानता, स्वतंत्रता रह जाते केवल नारे हैं अंधविश्वास, परंपराओं, समाज व धर्म से जो हारे हैं किनारे पर
Read Moreधोखा देकर, फुसलाना भी, दुष्कर्मो में आता है। मजबूरी में कराना कुछ भी, बलात्कार कहलाता है।। सच जानकर, निर्णय का,
Read Moreप्रेम दिनों-दिन बढ़ता जाता, आँखें तुम्हारी गहरी हैं। समय भले ही बहुत है बीता, याद आज भी ठहरी हैं।। यादों
Read Moreजब साथ में होती घरवाली, तब रोज ही मनती दीवाली। जब पास में अपने होती है। वह सपने नए नित
Read Moreवर्तमान समय में सोशल मीडिया पर भक्तों की चर्चा जोर-शोर से हो रही है। कुछ अज्ञानी लोग भक्त शब्द का
Read Moreइक दूजे के हित ही बने हैं, नर हो या फिर नारी है। संघर्ष में ना समय नष्ट कर, प्रेम
Read Moreपरिस्थितियों की दासी बनीं तुम, मैं तो पथ पर खड़ा हुआ हूँ। तुम वायदे से, मुकरी मौन हो, मैं वचनों
Read Moreभले ही आगे बढ़ रहा हूँ ,किन्तु मुख मोड़ा नहीं है। दूर तो मैं आ गया हूँ , पर तुम्हें
Read Moreआकर्षण का समय है बीता, विशुद्ध प्रेम की वेला है। संबंधों का जाल नहीं ये, दिल से दिल का मेला
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