घायल खिलोंनें
रत्ना अस्पताल के बरामदे में बैठे बाहर दूसरे बच्चों के साथ बगीचे में खेलती बेटी को देख फूली नहीं
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Read Moreसत्या मायके की देहरी पर बैठी अतीत के झरोखे से सब कुछ स्पष्ट देख रही थी, बेटे कैलाश की बातें
Read Moreआज करूणा, सासू माँ के न रहने पर दोराहे पर खडी थी जिसकी कल्पना स्वप्न में भी नहीं की थी
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