दुख पीड़ाओं के कारण पर
दुख पीड़ाओं के कारण पर करते नही मनन। केवल चिंता ही चिंता में बीत रहा जीवन।। जीवन का सुख जब
Read Moreदुख पीड़ाओं के कारण पर करते नही मनन। केवल चिंता ही चिंता में बीत रहा जीवन।। जीवन का सुख जब
Read Moreमाथे का चंदन बनी, दुर्भावों की धूल। पीपल आरोपित हुए, पूजित हुए बबूल।। जाने कैसा हो गया, माली का व्यवहार।
Read Moreबे वजह मुस्कुरा रहे हो क्यूँ जो नही है दिखा रहे हो क्यूँ होट पर बात है अगर दिल की
Read Moreआग निकली फ़कत धुँआ निकला क्या तमन्ना थी और क्या निकला जिसको सागर समझ रहे थे हम एक सूखा हुआ
Read Moreअदावत द्वेष रंजिश नफ़रतों को दूर कर ड़ाला मुहब्बत के चरागों ने तमस को नूर कर ड़ाला पड़ा होता कहीं
Read Moreसाध लिया है मौन सत्य ने, झूठ बराबर बोल रहा है। आड़म्बर ने आसन पाया, धर्म भटकता डोल रहा है।।
Read Moreज़िन्दगी में जब दुआ शामिल हुई ज़िन्दगी को ज़िन्दगी हासिल हुई आपके बिन थी अधूरी ज़िन्दगी मिल गये जब आप
Read Moreअभी ड़री सहमी है नारी, अभी सुरक्षित ज़रा नही है दुष्ट दुशाशन भी ज़िन्दा है, रावण अब तक मरा नही
Read Moreवक्त से हालात से नज़रें मिलाना सीख लो मुश्किलों को साज करके गीत गाना सीख लो हार जायेगी यकींनन हार
Read Moreजब जब बेहद तनहा हम खुद को पाते हैं हम तेरी यादों से अक्सर बतियाते हैं जो फूल कभी तुमने
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