गीतिका/ग़ज़ल

ज़िन्दगी में जब दुआ शामिल हुई

ज़िन्दगी में जब दुआ शामिल हुई
ज़िन्दगी को ज़िन्दगी हासिल हुई

आपके बिन थी अधूरी ज़िन्दगी
मिल गये जब आप तो कामिल हुई

पास हम जितना उसूलों के गये
दूर उतनी दूर हर मंजिल हुई

थी उदासी ही उदासी हर तरफ़
आप आये तो हँसी महफ़िल हुई

दिल हमारा आह भरता रह गया
आपकी हर इक अदा कातिल हुई

दीप बनकर जो जला है उम्र भर
हाँ उसी को रोशनी हासिल हुई

वाह की आवाज आयी तो लगा
ये ग़ज़ल कुछ दाद़ के काबिल हुई

सतीश बंसल
०७.०३.२०१८

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.