बड़वा गांव की हवेलियों में इतिहास की गूंज: ठाकुरों की गढ़ी से केसर तालाब तक
दक्षिण-पश्चिम हरियाणा की रेतीली धरती पर, जहां धूप की तल्खी रेत के कणों को भी तपाने में सक्षम होती है,
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Read Moreहरियाणा के 18 सरकारी स्कूलों में 12वीं का रिजल्ट शून्य प्रतिशत रहा, जो राज्य प्रायोजित शैक्षिक विफलता का संकेत है।
Read Moreकहाँ हैं वो जो कहते थे, उजाले बाँट देंगे,यहाँ तो चीखते सपने, अंधेरे काट देंगे। किताबें हैं मगर उर्दू-संस्कृत की
Read Moreये कौन लोग हैं जो मुल्क बेच आते हैं,चंद सिक्कों में ज़मीर सरेआम ले जाते हैं।न बम चले, न बारूद
Read Moreआज सोशल मीडिया पर मौजूद इन्फ्लुएंसर्स का प्रभाव समाज और राजनीति पर तेजी से बढ़ रहा है। वे बिना किसी
Read Moreजो संवेदना हीन होते हैं, वे न रो पाते हैं,न उनके भीतर कोई दर्द जागता है,न आंसू की कोई नमी
Read Moreसगे की छाती रौंद कर, मकान खड़ा किया,मिट्टी की दीवारों में अपनों का शोर दबा दिया। वो समझा जीत गया,
Read Moreहर दर्द, हर जश्न, हर आह, हर फिक्र,अब पोस्ट की शक्ल में, दुनिया को नज़र आता है।जो दिल की बात
Read Moreहर चेहरा अब सवालों में घिरा,हर कदम पर शंका का साया,ईमानदारी की चादर इतनी पतली,कि आर-पार दिख जाए दुनिया का
Read Moreकिसने बेची थी, ये हवाओं की खुशबू,किसने कांपती जड़ों में, जहर घोला था,किसने गिरवी रखी थी, मिट्टी की सुगंध,किसने अपने
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