पगली
भेड़–बकरी से भरे ऑटो में नन्हा मुदित पसीने-पसीने हो रहा था | ऑटो चालक एक और नन्ही कली को ठूस
Read More“बाबा आप अकेले यहाँ क्यों बैठे हैं, चलिए आपको आपके घर छोड़ दूँ | ” बुजुर्ग बोले: “बेटा जुग जुग जियो
Read Moreशबनमी बूँदें – रातें गुमसुम सी थीं बातें कुछ भी ना हुई थीं सिलसिला यही चलता रहा गर्मीयों में कहाँ कुछ
Read Moreखुशामद ना कियें कभी भी और ना ही कर पायें अभी जब देखो तब हम सभी से अकड़ते आयें.. मात-पिता
Read Moreअर्धांगनी है तुम्हारी तुम्हारे साथ ही जीना-मरना है हम तुम्हारी ही परछाई है परछाई की तरह ही साथ रहना है
Read More“पहले के लोग दस-दस सदस्यों का परिवार कैसे पाल लेते थे | अपनी जिन्दगी तो मालगाड़ी से भी कम स्पीड
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