लघुकथा : संस्कार
सुमन बदहवाश सी घटना स्थल पर पहुंची, अपने बेटे प्रणव की हालत देख बिलखने लगी| भीड़ की खुसफुस सुन वह
Read Moreसुमन बदहवाश सी घटना स्थल पर पहुंची, अपने बेटे प्रणव की हालत देख बिलखने लगी| भीड़ की खुसफुस सुन वह
Read More“बुढऊ देख रहें हो न हमारे हँसते-खेलते घर की हालत!” कभी यही आशियाना गुलजार हुआ करता था! आज देखो खंडहर
Read Moreमेरे कृष्ण कन्हैया ना कोख में पाला ना ही जन्म दिया , कृष्णा तुने यशोदा को माँ का मान दिया
Read Moreविमला मजदूरी कर घर पहुंची तो भड़क गयी भोलू पर, “कमाकर खिलाना नहीं था तो पैदा क्यों किया?” शराबी भोला
Read Moreजिस घर में जन्म लिया उसी घर में बेटियों का कोई महत्व नहीं होता है| माना आधुनिक युग में पढ़ाते-लिखाते
Read Moreमौन की भाषा भी नहीं समझतें अब लोग!! मासूमियत भी आँखों में नहीं देखते अब लोग !! बेजुबानों का भी
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