~उद्धार~
रावण धू धू कर जल रहे थे हम पैसों की बर्बादी देख दुखी हो रहे थे अगल-बगल देखे रावण ही
Read More“शरीर जल (ख़त्म हो) रहा है, लेकिन आत्मा तो अमर है | मोमबत्ती की तरह मैं भले काल कवलित हो गया हूँ, पर इस
Read Moreधर्म विरुद्ध कभी ना चले हम मैया तू सदा मार्गदर्शन करती रहना मैया हम तो तेरी ही संतान हैं
Read Moreना कोख में पाला ना ही जन्म दिया , कृष्णा तुने यशोदा को माँ का मान दिया | हर नटखट
Read Moreगुस्से से गुस्से की हो गयी जब तकरार जिह्वा भी गुस्से की भेंट चढ़ खाए खार द्वेष में बोले एक
Read More“भैया आंखे बंद कर हँसते हो तो कितने अच्छे लगते हो|” गद्गुदी करती हुई परी बोली भाई खिलखिला पड़ा फिर
Read Moreपिछलग्गू =========== सुरेश, किशोर के पीछे-पीछे लगा रहता था, वह कुछ भी बोलते, उनको दाद देता कि “वाह सर क्या
Read Moreबात उन दिनों की है जब मैं चौथी कक्षा में थी | अंग्रेजी विषय तो जैसे अपने छोटी सी बुद्धि
Read Moreसुमन बदहवाश सी घटना स्थल पर पहुंची, अपने बेटे प्रणव की हालत देख बिलखने लगी| भीड़ की खुसफुस सुन वह
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