लगाव (लघु कहानी)
“बुढऊ देख रहें हो न हमारे हँसते-खेलते घर की हालत!” कभी यही आशियाना गुलजार हुआ करता था! आज देखो खंडहर
Read More“बुढऊ देख रहें हो न हमारे हँसते-खेलते घर की हालत!” कभी यही आशियाना गुलजार हुआ करता था! आज देखो खंडहर
Read Moreमेरे कृष्ण कन्हैया ना कोख में पाला ना ही जन्म दिया , कृष्णा तुने यशोदा को माँ का मान दिया
Read Moreविमला मजदूरी कर घर पहुंची तो भड़क गयी भोलू पर, “कमाकर खिलाना नहीं था तो पैदा क्यों किया?” शराबी भोला
Read Moreजिस घर में जन्म लिया उसी घर में बेटियों का कोई महत्व नहीं होता है| माना आधुनिक युग में पढ़ाते-लिखाते
Read Moreमौन की भाषा भी नहीं समझतें अब लोग!! मासूमियत भी आँखों में नहीं देखते अब लोग !! बेजुबानों का भी
Read Moreनक्सली लड़कियां जंगलो में भटक भटक थकान से टूट चुकी थी थोड़ा आराम चाहती थी. तभी संगीत की मधुर आवाज
Read Moreगिरने वालो जरा संभल जाओऊँचाई छूनी गर बदल जाओमिलते ख़ाक में ना लगेगी देरपुन्य रस्ते पर जरा टहल जाओहासिल ना
Read More