बेटियों की बोटियाँ
कैसे कह दें कि हम करते हैं सृजन भावनाओं का सिर्फ तो वह होता चित्रण बोटियाँ जो कट रही है
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Read Moreमैं और मेरे स्वयं के संग चलती अक्सर तनातनी| वह क्यों कहती है हमसे ना करना अब मनमानी|| लिखने को
Read Moreसैनिक सरहद पर खड़े, देश के वह जवान| हम बैठे अपने घरों, उन पर है अभिमान|| किसका होगा लाल वो,
Read Moreकरती हूं जिससे मैं अपने मन की बातें, है वो एक रफ कॉपी और ढेर सारी किताबें| रफ
Read Moreहर बार दुपट्टे में वो बांध देते हैं गाँठें बाँधे है भविष्य जो हमे संग है बाँटने| क्या कहे, किसी
Read Moreएक ढलती शाम,आईना को किया साफ उसने कहा देर से ही सही, आ गई पास| आई हो अब, जब घिर
Read Moreबचपन की दोस्त वैदेही की शादी ठीक हो गई थी. अब उसे शुभकामना देने उसके घर जाना था, सुबह-सुबह उसके
Read Moreउस वक्त तुमने कुछ न कहा मैंने कितना कुछ था सहा आज कहते हो रुक जाओ ढूंढ लिया जब अपना
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