गीतिका
देश को मिल खा रहे हैं,देश रोता है हमारा छीन लेना सब,बड़ा ,आसान होता है हमारा इस तरफ भी,उस तरफ
Read Moreभारत की सम्मान पताका,जग में जो फैलाएगा हम भारतवासी को तो वो,मन से हरदम भायेगा चाहें वो अब्दुल कलाम हो,चाहें
Read Moreउनकी यादों को हम दिल से ऐसे दूर भगाते हैं याद कभी भी जब आते हैं उनको काॅल लगाते है
Read Moreजीवन के पथ पर उगे,लम्बे लम्बे शूल राहों की दुश्वारियां, बढ़ा रही है धूल तूफानों का जोर है, आंधी है
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