गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका

दीन दुखी की मदद करो वो रहें न दुख के दास
मिले सभी को रोटी, कपड़ा और मिले आवास
रोजगार न छिने किसी का, कहीं न हो कंगाली
कभी भूलकर भी गरीब का मत करना उपहास
मानव जन्म मिला है तुमको अच्छे कर लो काम
उसे हंसी दो अगर कहीं भी बच्चा  दिखे उदास
अगर मुश्किलों का हो सामना हार कभी न मानो
हर मुश्किल आसान बने गर खुद पर हो विश्वास
दर्द बांट लो कभी किसी का,दे दो कभी सहाराव
घड़ी दो  घड़ी  बैठ  के   देखो  लाचारो   के पास
जीवन उतना सरल नही है, शूल भी  हैं  राहो  में
पतझड़  बाद    पुन:  आता  है  बागों में मधुमास
— शालिनी शर्मा

शालिनी शर्मा

पिता का नाम-स्वर्गीय मथुरा प्रसाद दीक्षित माता का नाम -श्रीमती ममता दीक्षित पति का नाम-श्री अनिल कुमार शर्मा वर्तमान स्थायी पता- केऐ-16 कर्पूरी पुरम गाजियाबाद फोन न0- 9871631138 जन्म एंव जन्म स्थान-09.04.1969, परीक्षित गढ़ गाजियाबाद उप्र शिक्षा एवं व्यवसाय-बीएससी बीएड़,अध्यापिका व सहायक NCC आफिसर (13 यूपी गर्ल्स बटालियन) प्रकाशित रचनाएं एवं विवरण-अमर उजाला काव्य में 48 रचनायें प्रकाशित, विभिन्न पत्रिकाओं में रोज रजनाएं प्रकाशित होती हैं,दो तीन सम्मान प्राप्त