बचपन की यादें
बचपन की यादें सजीं ,ले मीठे अहसास । बचपन के दिन थे सुखद ,सचमुच बेहद ख़ास ।। दोस्त-यार सब थे
Read Moreबचपन की यादें सजीं ,ले मीठे अहसास । बचपन के दिन थे सुखद ,सचमुच बेहद ख़ास ।। दोस्त-यार सब थे
Read More(1) धरती माता लाड़ का,है असीम भंडार। संतति की सेवा करे,है सुख का आगार।। है सुख का आगार,धरा है सुख
Read Moreमंडला-बुलंदी साहित्यिक समिति बाजपुर, ऊधमनगर (उत्तराखंड) के द्वारा 350 घंटे का सतत् ऑनलाइन ज़ूम कवि सम्मेलन आयोजित किया गया है,जिसका
Read Moreप्रखर रूप मन भा रहा,दिव्य और अभिराम। हे ! गुरुवर तुम हो सदा,लिए विविध आयाम।। गुरुवर तुम हो चेतना,हो विवेक-अवतार।
Read Moreनव ख़बरों को साथ ले, आता है जो रोज़। सुबह उसी अख़बार की, हम करते हैं खोज।। दुनिया भर के
Read Moreजीवन को गतिशील बनाकर, बाधाओं से लड़ना होगा। मन को देकर नवल ताज़गी, अवसादों से भिड़ना होगा।। निज सूरज को
Read More(1) भारत माँ का लाल हूँ, दे सकता हूँ जान। करता हूँ मन-प्राण से, मैं इसका यशगान। आर्यभूमि जगमग धरा,
Read Moreजीवन है विपरीत अब, सब कुछ है प्रतिकूल। फूलों की बातें नहीं, चुभते हैं नित शूल।। रोज़ विहँसता झूठ अब,
Read Moreमंडला–अनेक श्रेष्ठ कृतियों के सृजक व रेडियो, टीवी,मंचों के प्रस्तोता,सुपरिचित साहित्यकार व इतिहास-प्राध्यापक (प्राचार्य-शासकीय गर्ल्स डिग्री कॉलेज) प्रो(डॉ)शरद नारायण खरे
Read Moreउलझन को सुलझाइए,लेकर सुलझे भाव। जिसके सँग है सादगी,रखता प्रखर प्रभाव।। उलझन है मन की दशा,नहीं समस्या मान। यह है
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