हमें शांति चाहिए
कुछ नया नहीं ये सोचना हमें ही नहीं सबको चाहिए शांति, व्यक्ति, परिवार, समाज या राष्ट्र ही नहीं संसार को
Read Moreकुछ नया नहीं ये सोचना हमें ही नहीं सबको चाहिए शांति, व्यक्ति, परिवार, समाज या राष्ट्र ही नहीं संसार को
Read Moreस्त्री और आग की तुलना मत कीजिए करना ही है तो स्वीकार भी कीजिए। स्त्री और आग सृजक भी हैं
Read Moreहे भोलेनाथ हे शिवशंकर, हे औघड़दानी हे त्रिपुरारी महिमा तेरी अजब निराली होते सब तुम पर बलिहारी। कृपा तुम्हारी बरसे
Read Moreभोले भंडारी तेरी महिमा अपार है तेरे मंदिर मेंं हो रही जय जयकार है, माथे चंद्र सुशोभित होये गले सर्प
Read Moreनाहक मुझे बदनाम कर रहे हो सरेआम मेरी इज्जत नीलाम कर रहे हो अब इसमें आश्चर्य कैसा दूल्हों की जब
Read Moreआइए होली का हुड़दंग कर लें रंगो की बात छोड़िए आपस में एक दूजे के चेहरे पर कीचड़ खूब मल
Read Moreआपने अपने मन का गुबार निकाल दिया मुझे मारने का पूरा प्रयास किया, पर आप भूल गए आप खुदा, ईश्वर
Read Moreयुद्ध को उचित कहना केवल अपनी पीठ थपथपाने जैसा है। परंतु युद्ध के उचित अनुचित की बात करने से पूर्व
Read Moreये कैसा प्रश्न है जिसके लिए हमें सिफारिश करना पड़ रहा, अपील,आवाहन करना पड़ रहा है। जिस अन्न का महत्व
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