गलतफहमी
अब तक मुझे बड़ा गुमान था सच कहूं तो बड़ा अभिमान था,और आज पहली बार गलतफहमी का शिकार होचारो खाने
Read Moreआज के व्यस्त जीवन मेंजब हमारा जीवन ही लगभग यांत्रिक हो गया हैहमारा अधिकांश वक्त भागते दौड़तेऔर शेष समय आभासी
Read Moreलीजिए फिर आ गया पितृपक्षहमारे आपके लिए अपने पूर्वजों के प्रतिश्रद्धा भाव का नाटक दिखाने के लिएसिर मुड़वाते तर्पण, श्राद्ध,
Read Moreयही आज की विडंबना हैजिसके दोषी हम आप भी हैं,गंगा में खड़े होकर,हाथ में गंगा जल लेकर भी यदि इससे
Read Moreसारिका का ब्याह हुए छः महीने हो गए ।भरा पूरा परिवार था, जिसमें सास ससुर, जेठ जेठानी और उनके बच्चे
Read Moreहमारे बड़े बुजुर्ग,संत महात्मा औरहमारे धर्म ग्रंथ हमेशा यही बताते सिखाते हैद्वैष दुर्भावना से दूर रहो समझाते हैं।पर उन्हें शायद
Read Moreहे गौमाता तुम्हें नमन है चरणों में तेरे नित वन्दन है तेरी महिमा का बोध नहीं हैं अज्ञानी मूरख हम
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