मुक्तक – होली का हुड़दंग
हास्य-व्यंग्य के संग, मचायें होली का हुड़दंग, अबिर-गुलाल उड़ाकर छेड़ें, प्रीति-प्यार की जंग। गुझिया खाकर, पिएं मिलाकर ठंढाई में भंग,
Read Moreहास्य-व्यंग्य के संग, मचायें होली का हुड़दंग, अबिर-गुलाल उड़ाकर छेड़ें, प्रीति-प्यार की जंग। गुझिया खाकर, पिएं मिलाकर ठंढाई में भंग,
Read Moreये कोरोना का क़हर, साज़िशों की बू आये हर तरफ़ मौत का डर, आँखों में आँसू आये घर को, घर
Read Moreआओ ऐसा दीप जलायें, मन का तिमिर मिटायें हृदय प्रेम से आलोकित हो, नफरत दूर भगायें जिनको नहीं चिराग मयस्सर,
Read Moreआया है नया साल, चलो एहतेराम कर लें गुज़रे हुए लम्हात के क़िस्से तमाम कर लें झगड़े, फ़सादो-नफ़रत, उल्फ़त के
Read Moreरहते हो पास में तुम, परदेस के मेले में होते न हो कभी गुम, परदेस के मेले में रोली, न
Read Moreहै “विश्व योग दिवस” आज, नेक काम कर लो। कुछ कसरतें, श्वसन-क्रियायें, प्राणायाम कर लो।। हैं योग की ये शक्तियां
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