बरसो रे मेघा
मेघा नभ पे आया मतवाला खोल दिया बादल का ताला उमड़ घुमड़ बदरा इतराये गगन से बुदें जल बरसाये
Read Moreमेघा नभ पे आया मतवाला खोल दिया बादल का ताला उमड़ घुमड़ बदरा इतराये गगन से बुदें जल बरसाये
Read Moreमन की पीड़ा कोई क्या जाने मनमीत ही पीड़ा को पहचाने गम की पहाड़ जब टुट आता है जीवन कष्टमय
Read Moreमुश्किल है डगर पूरा कर सफर मंजिल जरूर मिल जायेगा सागर की लहर मौसम की कहर किस्ती तट पे ले
Read Moreजिस मोड़ पे तुमने छोड़ा है साथ उस मोड़ पे नजर आऊँगा हमने तुमसे प्यार किया है सात जन्मों तक
Read Moreक्यूँ बदला बदला है चाँद क्यूं गुमसुम है आज की शाम हवा भी चुपचाप बैठ रही है कोई गहरी बात
Read Moreबरखा रानी मेरे खेतों में आना झमाझम पानी की बुंदे बरसाना खेतों की तुम प्यास बुझा जाना फसलों को नव
Read Moreजब जब हुई है धर्म की हानि पाप अपराध की बढ़ी मनमानी प्रभु ने लिया तब तब अवतार धरा से
Read Moreठहर गया इन्सानियत की कदम ठहर गया मानवता की सम्मान खुल गया बेईमानों की शहर खुल गया दर्जनों की
Read Moreनभ पर आई बदरा की बारात सावन में छाई है ये दिन रात प्रकृति ने दी धरातल को सौगात लो
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