पनघट
खनकती चुड़ियों से सज गई है सुबह शाम गॉव की पनघट घुँघट में चल पड़ी दुल्हन बजी पायल की है
Read Moreपूरा होगा अब अपना सब सपना खुशियों की चमन सा घर हो अपना आओ मोहब्बत को नजीर बनायें लैला
Read Moreरे दीपक तुँ तन मन से पल पल जल कर देना हर घर जन जन का उज्जवल तेरी त्याग कुर्बानी
Read Moreले रही है तन मन धरातल पे अंगड़ाई कितना मनमोहन बसंत ऋतु है आई चारों ओर गुलशन मे फूल सुहावन
Read Moreतिरंगा हमारी आन बान शान तिरंगे हिन्द की है एक पहचान जब जब आया गुलामी की दौर हम ने थामा
Read More