सत्य की तपिश
सत्य की तपती आग पे चल पड़े हैं मेरे दो कदम अंजाम चाहे जो भी हो रूकने ना पाये मेरे
Read Moreसत्य की तपती आग पे चल पड़े हैं मेरे दो कदम अंजाम चाहे जो भी हो रूकने ना पाये मेरे
Read Moreजीवन को पाया है हम सब भेंट मत कर इन्सान तुम इसे मटियामेट मानव में प्रेम बीज युगों से अंकुराया
Read Moreजब भी राहों पे मैं चलता हूँ अपनों का ही ताना सहता हूँ हिम्मत फिर भी मैं कहाँ हारा रेत
Read Moreपूरा होगा अब अपना सब सपना खुशियों की चमन सा घर हो अपना आओ मोहब्बत को नजीर बनायें लैला
Read Moreरे दीपक तुँ तन मन से पल पल जल कर देना हर घर जन जन का उज्जवल तेरी त्याग कुर्बानी
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