संस्कार दीजीये
जनम दिया है गर बिटिया को भरपूर संस्कार उन्हें दीजीये हर नुक्कड़ पे भेड़िया बैठा है खबरदार उन्हें खुद कीजीये
Read Moreजनम दिया है गर बिटिया को भरपूर संस्कार उन्हें दीजीये हर नुक्कड़ पे भेड़िया बैठा है खबरदार उन्हें खुद कीजीये
Read Moreसत्य की तपती आग पे चल पड़े हैं मेरे दो कदम अंजाम चाहे जो भी हो रूकने ना पाये मेरे
Read Moreजीवन को पाया है हम सब भेंट मत कर इन्सान तुम इसे मटियामेट मानव में प्रेम बीज युगों से अंकुराया
Read Moreजब भी राहों पे मैं चलता हूँ अपनों का ही ताना सहता हूँ हिम्मत फिर भी मैं कहाँ हारा रेत
Read Moreपूरा होगा अब अपना सब सपना खुशियों की चमन सा घर हो अपना आओ मोहब्बत को नजीर बनायें लैला
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