कहानी – अधूरी जिंदगानी
नाजों से पली थी रीना अपने मां-बाप के आंगन में , उसमें उसके मां-बाप के संस्कार कूट-कूट के भरे थे
Read Moreनाजों से पली थी रीना अपने मां-बाप के आंगन में , उसमें उसके मां-बाप के संस्कार कूट-कूट के भरे थे
Read Moreबैचेन मन इतना दु:ख से भरा की लिखना भी चाहूं पीड़ा दिल की पर लिख ना पा रही थी ,दो
Read Moreदेश का एक बैंक का खाता ऐसा भी हो , ये विचार तब आया दिल में जब मैं समाज सेविका
Read Moreयादों के भंवर में डूब कर मैं अकसर मोतियन से शब्द लाती बगिया शब्दों कि मेरी जहां से मैं चुन
Read Moreकशमोकश उलझनों में उलझी आज मेरी जिंदगानी है मोहब्बत की थी हमनें कभी यही तो मेरी नादानी है।। एक वक्त
Read Moreअगर कुछ कर दिखाने का जज़्बा दिल में हो तो , कोई रोके ना रोक सकता जज़्बा रखने वाले को
Read Moreअब वक्त ही नहीं मिलता कभी वक्त ही वक्त होता था तब दिल तंहाई में रोता था दर्द ही इतना
Read Moreआज मेरी कलम कि चितकार खामोश हो गई दर्द में डूब कर इस कदर कि समझ नहीं आ रहा लिखूं
Read Moreसन्तोष नहीं है देखो आज इस जमाने में आज हर कोई लगा देखो बस धन कमाने में।। सर ढ़कने को
Read Moreउसकी मासूमियत के किस्से आओ मैं सुनाता हूं जिसे अपने ख्वाबों में रोज़ मैं सजा पाता हूं।। उसकी कज़्जरारी वो
Read More