कविता

मेरी दर्द ए कहानी

ना हो कभी किसी की भी
मेरी तरह जिंदगानी
ना हो कभी किसी की
मेरी तरह आंखों में पानी
ना हो कभी मेरी तरह फरेब
की जिंदगी में कोई निशानी
ना हो मेरी तरह हाथों में कलम
चार दीवारी में चीखों की रवानी।।
बही आज फिर दर्द-ए पुरवाई
आंखों से ओझल नींद लिखे दीवानी
दूजी महबूबा संग महके पिया
सताए ये ऋतु संग मुझे भरी जवानी।।
ना मिले किसी को पिया से फरेब
 टूटे ना कोई मोहब्बत-ए दीवानी
जीतेजी मारा पिया ने ही मेरे
थमाई कलम यही मेरी कहानी।।
— वीना आडवाणी तन्वी

वीना आडवाणी तन्वी

गृहिणी साझा पुस्तक..Parents our life Memory लाकडाऊन के सकारात्मक प्रभाव दर्द-ए शायरा अवार्ड महफिल के सितारे त्रिवेणी काव्य शायरा अवार्ड प्रादेशिक समाचार पत्र 2020 का व्दितीय अवार्ड सर्वश्रेष्ठ रचनाकार अवार्ड भारतीय अखिल साहित्यिक हिन्दी संस्था मे हो रही प्रतियोगिता मे लगातार सात बार प्रथम स्थान प्राप्त।। आदि कई उपलबधियों से सम्मानित