सुशांत सिंह राजपूत को विनम्र श्रद्धांजलि
जान न पाया कोई भी, एकदम उठा लिया ऐसे क्या हालात थे कि ये कदम उठा लिया अपनी माटी, अपना
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Read Moreशर्मसार मानवता को गहरी पहुंची चोट है फिर से, एक बार मानवता को फिर से कर डाला मानव ने ,
Read Moreसंकल्प, इच्छाशक्ति की राशि विशाल दुनिया ने एकता के हिंद की, देखा मिसाल दुनिया ने विश्वास की परिधि ने
Read Moreदेश ये पूरा साथ खड़ा है, ये दिखलाने की बारी आओ एक दीप जलाएं हम, है दीप जलाने की बारी
Read Moreअच्छाई और बुराई के सारे निशान जग में हैं साथ हैं अच्छाई के जो, वो महान जग में है
Read Moreभूलके भी दिल किसी का तोड़ना नहीं इंसानियत की राह कभी छोड़ना नहीं भूलना कभी न प्रेम-स्नेह की भाषा
Read Moreक्या गजब किया ये क्या हूजूर हो गए मतलब में पास पास थे अब दूर हो गए जब काम था
Read Moreआदर्श उनके हैं बसे ब्रह्मांड के आधार में जीवन लगाया अपना बस युवाओं के उद्धार में दुनिया में सुधारक तो
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