तेरे सितम ,मेरी शराफत
दिल तो मज़बूर करता है ,पर मेरी जुबान नहीं खुलती तेरे सितम के आगे कभी , मेरी शराफत नहीं झुकती,
Read Moreदिल तो मज़बूर करता है ,पर मेरी जुबान नहीं खुलती तेरे सितम के आगे कभी , मेरी शराफत नहीं झुकती,
Read Moreकौन कहता है पैसा पेड़ पर नहीं उगता , पैसा तो पेड़ पर ही उगता है, सच्चाई की ज़मीन पर
Read Moreफिर आई गर्मी की छुट्टीयाँ घर का माहौल बदला है माहौल दिन भर खाली सोते रहते बिगाडे़ सम्बन्ध है रहे
Read Moreगौरैया को अपने आंगन या आसपास हम सबने कब चीं-चीं करते और कब पैरों के पास फुदकते और उड़ते देखा है
Read Moreएक बात मैं कहूँ मानलो, थे राणा बीरों के बाप भाला उनका उठा सके जो, वैसा कोई दिखा न ताप।।
Read Moreगज़ल गाना चाहता हूँ ,गुनगुनाना चाहता हूँ ग़ज़ल का ही ग़ज़ल में सन्देश देना चाहता हूँ ग़ज़ल मरती है नहीं
Read More