शिव भोलेनाथ
वे देवों के महादेव हैं भक्तों के हृदय में बसते सदैव हैं । शम्भू मन से बड़े ही भोले हैं
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Read Moreतनहाई में चली आतीं हैं मीठी यादें बचपन की । प्यार से भरे उस जीवन की रस घोलती अविरत सरगम
Read Moreआया फागुन आई होली देशमे हे विभिन्न बोली, फागुन में हम खेले होली पानी में जेसे आते तरंग, डाला जाता
Read Moreआँखें बंद थी ध्यान मग्न था घर के मंदिर का कोना था, अचानक बोल उठी तस्वीर भगवान की तुम रोज
Read Moreमानवता? ये मानवता क्या होती है बचपन से लेके आज तक हर ऋत हर मौसम देखे ना देखना था वो
Read Moreजब गर्मी का मौसम आता, सूरज तन-मन को झुलसाता। तन से टप-टप बहे पसीना, जीना दूभर होता जाता। ऐसे मौसम
Read Moreकलशा पूजन मातु का, सस्थापन प्रथमेय कंकू चंदन अरु जयी, नवल शृंगार धरेय नवल शृंगार धरेय, मातु चरन नित्य वंदन
Read Moreयह चेहरा और यह जुबान क्यों इतने मज़बूर क्यों सच्चाई से दूर बनावटी मुस्कराहट , जुबान खामोश रहने को
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