बहुत दिन बाद
बहुत दिन बाद गदहों को गधो की याद आई है रखा अपनों से हमको दूर तेरी कैसी खुदाई है हम
Read Moreबहुत दिन बाद गदहों को गधो की याद आई है रखा अपनों से हमको दूर तेरी कैसी खुदाई है हम
Read Moreमुलाकात कम हो गई है, हमारी उनसे बात, बंद हो गई है, अब गुफ्तगू भरी रात भी, ख़त्म हो गई
Read Moreइन रंगीन कपड़ों के बीच मेरा भी एक कपडा है लाल पीले हरे नीले के बीच मेरा भी एक सपना
Read More“चित्र लेखा” मंदिर मंदिर मन फिरे, प्रेम पिपासे होंठ बिना प्रेम मन मानवा, सूखे अदरख सोंठ सूखे अदरख सोंठ, सत्व
Read Moreअपनी जिन्दगी को शिद्दत के साथ जीने की मेरी हमेशा होती है पुरजोर कोशिश मकसद होता है हर लम्हे को
Read Moreअक्सर रातों को मेरी तन्हाइयों में धीरे से चुपके से तुम आते हो मुस्कुराते हो और यह कहकर चले जाते
Read Moreकविता कविता कह रहे , कविता हुई बवाल । कविता कवि को देख कर , उठने लगे सवाल । उठने
Read More