चाँद-अमृत कलश
अरमानों की चादर-सा तना है आकाश! सपनों-से सितारे जगमगाएँ सारी रात! कुछ टूटे सपने गिरते हैं अनायास! कहीं जगाए उम्मीद
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Read Moreचोका ***** नहीं भूली हूँ तुम्हारा एहसास हृदय में ही सदा अंकित रहे जबकि तुम ! दो पाटो में ही
Read Moreकार्तिक मासी पुर्णिमा, तीरथ गंग महान पूर्ण चंद्रमा खिल उठा, पुण्य प्रयाग नहान पुण्य प्रयाग नहान, कथा त्रिपुरारी महिमा त्रिपुटि
Read Moreसुबह से शाम हुई कतारें बदनाम हुई धक्का मुक्की बोला चाली काका हजारी की राम राम हुई।। दिन भर चले
Read Moreगहमा गहमी खूब है, कहीं नमक औ नोट। शोर मचाएँ मतलबी, जिनकी मंशा खोट।। वक्त तख्त के लालची, देते सबको
Read Moreदूर क्षितिज पर मंजिल है मैं चला हूं छूने अपनी मंजिल जब कदम साथ हो तो डरने की क्या बात
Read Moreमाँ तुम कहीं नहीं जाती हो बेटी के अस्तित्व में ही बस जाती हो| माँ तुम तब तो बिल्कुल नहीं
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