नदी का प्रेम
है दूर देश से आई नदी, चलकर सागर के पास। सागर ने ले कर बाहों में, किया खूब स्वागत सत्कार।
Read Moreहै दूर देश से आई नदी, चलकर सागर के पास। सागर ने ले कर बाहों में, किया खूब स्वागत सत्कार।
Read Moreयह घर मेरा, यह मकान तेरा । दुकान, जमीन हीरा,पन्ना, सोना, चांदी रूपया-पैसा, धन दौलत मेरा-तेरा करके अपने-पराये होकर लड़ना-
Read Moreपत्थर तोड़ती मैं कर्मठ नारी , मत समझो मुझको बेचारी । सीने में दिल मैं भी रखती हूँ, बिटिया मेरी
Read Moreमैं भी जीना चाहता हूँ कुछ पल सिर्फ अपने लिए ….हाँ सिर्फ अपने लिए बस मैं ही मैं हूँ और
Read Moreएक विश्वविद्यालय में रावण के वंशजों ने राम के वंशज का पुतला जलाया और जोर-जोर से हो-हल्ला मचाया देखो-देखो हमने
Read Moreकिसने कहा कि सब बेटियाँ मरती हैं कोख में, पलते हुये देखा है हमने, माँ बाप के आगोश में। नही
Read Moreउमड़ते घुमड़ते रहे एहसास उन लहरों की तरह आकाश से सागर तक फ़ासले तय करते गये हर हवा के झोंके
Read Moreएक एहसास मीठा सा इंतज़ार दे गया । प्यार का विश्वाश का तड़प का अधिकार का । एक एहसास प्यारा
Read Moreसज धज वो डोली आई थी लाखों अरमान संग लायी थी एक छोर लहू को रख सहसा एक डोर बंधी
Read Moreप्रिय तुम होते जो पास मन मगन मोर बन जाता दिशा चतुर्दिक पियू पियु का शोर गगन तक जाता सुन
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