आंसू
यह सच है, आंसुओं पर किसी का ज़ोर नहीं होता, यह भी सच है, आंसुओं जैसा पुरज़ोर सहारा कोई और
Read Moreक्या कहूँ मैं शब्द नहीं हैं मेरे पास व्यथा व्यक्त करने को, जिसे जन्म देकर पाला पोसा वो ही छोड़
Read Moreमेरे सामने है अशोक के फूल और कई सारे सवाल ये वही अशोक के फूल है जो बसंत ऋतु में
Read Moreगौतम ने तुम्हे पुत्रीवत पाल पोसकर बडा किया और अपनी अंकशायिनी बनाया तुम चुप रहीं मन ही मन जिसे (इन्द्र)
Read Moreबचपन इतना सूना क्यों ? बचपन इतना सूना क्यों ? हँसी-ठिठोली करते बच्चों की गुम हो गई टोली क्यों ?
Read Moreलौट रही माँ कर सूना घर आंगन व्याकुल हृदय नम आंखे मार्मिक है मन हुई खूब आज सिंदूर की होली
Read Moreचतुर चालाक मंच पर आसीन होने की कला में माहिर जीव पलक झपकते मंच तक नहीं माईक हाथ में ले
Read Moreदद्दा जी की कौन सुनता है सुबह से शाम तक चिल्लाते रहते है जर्दा चूना सुपारी गांजा भांग चिलम ले
Read Moreतुम कहाँ खो गई हो। तुम क्या कर रही हो। मुझसे नजरें तो मिला लें, बहुत याद आ रही हो॥१॥
Read Moreतुम्हारी यादों को ख्वाबो में सजा कर रखूँगा। अपनी बातो को तुमसे मिल-मिलाकर रखूँगा यहाँ डर लगता है तुम कभी
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