लालच और मोह
(लालच और मोह) अभी कुछ समय बाकी है प्रलयकाल में, समेट लो अपने सारे धन हाँ, तुमने यही तो सोचा
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Read Moreबुझता दिया सुकूं का इंसान ही के कारण , बुझता दिया यकीं का इंसान ही के कारण । बुझता दिया
Read Moreअनंत चतुर्थी पावनी, गणपति गिरिजा नेह विघ्न विनाशक को नमन, शिव सुत सत्य स्नेह शिव सुत सत्य स्नेह, गजानन आभा
Read Moreप्रदत शीर्षक- जीभ – रसना, रसज्ञा, जिह्वा, रसिका, वाणी, वाचा, जबान। रसना मीठी रसमयी, वाणी बचन जबान रसिका हिंदी माँ
Read Moreपापी के दरबार में, वर्जित पूण्य प्रवेश काम क्रोध फूले फले, दगा दाग परिवेष दगा दाग परिवेष, नारकी इच्छाचारी भोग
Read Moreभावना श्रृंगार लिए, रस छंद भाव पिए, हिंदी छेड़े मीठी तान, गान मान गाइए प्रकृति से प्यार करें, गाँव से
Read Moreझीलें सुंदर वादियाँ , काश्मीरी बहार रंग-विरंगी रोशनी, शिकारे चह दुलार शिकारे चह दुलार, अलौकिक शोभा धारी सैलानी आकर्षाय, खिले
Read Moreजो बोली जाती है … भारत में मेरे कहलाए वो ‘हिन्दी’… पिछड़ों की भाषा ! आज सीख रहे हैं …
Read Moreझुक जाती हैं नजरें शर्म से जब बहू बेटियों की इज्जत लूट ली जाती है, अपने ही समाज में, ये
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