अनबूझ पहेली
मैं अनबूझ पहेली हूँ खुद की ही सहेली हूँ होते हैं सभी संग मेरे लाखों में भी अकेली हूँ तेरी
Read Moreमैं अनबूझ पहेली हूँ खुद की ही सहेली हूँ होते हैं सभी संग मेरे लाखों में भी अकेली हूँ तेरी
Read Moreएक आॅटो टूटा फूटा सा जो जोर से आवाज करता है ना कोई तेजी न कोई ताकत है रोज हजार
Read Moreकाश! मैं एक बच्चा होता अकल का जरा कच्चा होता मन का बहुत सच्चा होता न जाने कितना अच्छा होता
Read Moreचित्र अभिव्यक्ति झूला झूले राधा रानी, संग में कृष्ण कन्हाई ना कदम की डाली, कुंके कोयलिया, बदरी छाई ना झूले
Read Moreतिनका-तिनका बनकर हवा में दूर गया। लिए अपनापन था मगर वो दूर गया। अजीब सा सुरूर वो मुझको दे गया
Read Moreगुलाबी मुस्कान लिए मंच पर खड़ी कोमलता की परिचायक स्नेह स्वभाव की परी दस्तक देती है दर्शको के बीच स्वागत
Read Moreरुक्मिणी के मन की व्यथा ================ करते हो अपने मन की सदा कभी मेरे मन की भी कर लो ना
Read Moreज़िन्दगी तूने दिए , ज़ख्म बहुत, पर हौसला न मेरा , तोड़ पाई है । माना की हैं , दुश्वारियां
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