ख़ुद के लिए जी लूँ…
सोचा है आज थोड़ा सा खुद के लिये जी लूँ । दुनियाँ की बातों का जहर हँस के पी लूँ
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Read Moreक्यों भटकते हो घृणा के और वैर के गलियों और चौबारों में? घूमना है तो घूमो प्रेम के गलियारों में
Read Moreखाली पड़ा है मय का प्याला आजकल। ऐसा लगता है इसका भी मय से नाता टूट गया है।। आसमाँ में
Read Moreपूजन की पावन प्रतिध्वनि सी,आप की याद आई । धूप दीप अक्षत चन्दन सी, आप की याद आई ।। बाट
Read Moreचन्द्रगृहण पर कुछ पँक्तियॉ….. चॉद कहे धरा से थोड़ा सा तो खिसक ले , कर लूँ दीदार मैं भी अपने
Read Moreएक इंच मुस्कान मिल जाती है डेली , ख्यालों में यूँ ही तुम्हे सोचते हुए , साथ जीने के लम्हे
Read Moreजन मानस के अरमानों पर, जब भी चोट लगी है। न्याय दिलाने वाले ह्रदय में, जब भी खोट जगी है।
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