आत्मकथा : एक नज़र पीछे की ओर (कड़ी 15)
मनीषा का विवाह सन् 2000 में कानपुर वाले भाईसाहब श्री सूरजभान की दूसरी पुत्री मनीषा का विवाह निश्चित हुआ। वह
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Read Moreघर में अब एक नई पार्टी बन गई थी और इनका बोल बाला था। नई पार्टी में राकेश, गुड्डा, केवल,
Read Moreमंडलीय कार्यालय में कम्प्यूटर शिक्षा उस समय तक हमारे बैंक के सभी मंडलों में लगभग सभी विभागों में पी.सी. लगा
Read More1971 में रमेश की नौकरी देहरादून में मिनिस्ट्री आफ डिफेन्स में लग गई और वह देहरादून आ गया। फिर 1972
Read Moreवर्ष 2000 की समस्या उस वर्ष 1998-99 में कम्प्यूटर वाले एक विचित्र समस्या से जूझ रहे थे। उस समय कम्प्यूटर
Read More30 अप्रैल 1957 को राज की शादी हुई। डोली जाने के बाद कुछ ही दिन बाद मुझे तार मिला कि
Read Moreसेवा शाखा का कार्य मैं बता चुका हूँ कि उस समय हमारे बैंक की कानपुर की सेवा शाखा का काफी
Read Moreइससे पहले का वाकया है जब हम दो पार्टनर रह गये थे मैं व ताराचन्द, तो एक सीजन हमारे पास
Read Moreमौत के गड्ढे से बचना हम कानपुर से प्रायः हर तीसरे-चौथे महीने आगरा जाया करते थे, क्योंकि वाराणसी की तुलना
Read Moreसुभाष को पतंग उड़ाने का बहुत शौक था। स्कूल से आकर पतंगबाजी में लग जाता। मेरी मजबूरी थी। बच्चों को
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