उतरता रंग
एक अमीर महिला मोहल्ले में बड़ी बड़ी डींगे हाकती रहती थी | उसके पास पैसा है | उसी मोहल्ले गरीब
Read Moreआज मासूम खुशी से फूला नहीं समा रहा था. सात साल में पहली बार कल उसका जन्मदिन इतने ज़ोरशोर से
Read Moreसुनो सुनयना मेरी बात, जिसकी गोंद में हम सभी पले-बढ़े, उछले-कूदे, नाचे-गाए और खेले-खिलाए। उसकी सुंदरता की सरिता में भीगे-
Read Moreगांव के नुक्कड़ पर बैठी औरत जिसके बाल खुले हुए और कपड़े अस्त-व्यस्त है। उसकी ये दुर्दशा देखकर लगता है
Read Moreजीप का ड्राइवर राधे मोहन यात्रियों से किराये को लेकर बहस कर रहा था। संवारियां बस किराया से कम देने
Read More“चप्पल घिस गयी बेटा, एक लेते आना | मैं थक गया हूँ, अब सोऊंगा |” “पापा! दो साल से प्रमोशन रुका पड़ा है | दे दीजिये न बाबू
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