आत्मसम्मान
वह बोल नही सकता था. टूरिस्ट स्थान पर वह कागज़ पेंसिल लेकर बैठा था. कुछ ही मिनटों में आपका चेहरा
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Read Moreरामलाल जी को किसी आवश्यक कार्य से कहीं जाना था । ख़राब स्वास्थ्य की वजह से डॉक्टरों ने उन्हें बाइक
Read Moreएक बडे से परात मे रंग बिरंगे पानी मे अंगूठी डाल कर जिठानी बोली “देखो देवर जी हर हाल में
Read Moreवह उन की इकलौती पुत्री थी. दोनों मातापिता अपनेअपने हिसाब से वर चुनना चाहते थे. माता ने कहा , “यह
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