लघुकथा

होशियारी

टेस्ट की कॉपियां दिखाते हुए अध्यापक ने दीपक को खड़ा कर पूंछा “यह क्या लिखा है तुमने। जो जवाब मैंने कॉपी में लिखवाय था वह क्यों नही लिखा।”
“सर मैंने विषय को समझ कर अपने शब्दों में लिख दिया है। पर मैटर पूरा है।” दीपक ने उत्साह से कहा।
“वाह भाई आप तो बहुत समझदार हैं। अपने शब्दों में लिखते हैं।”
अध्यापक ने उपहासपूर्ण ढंग से कहा। सभी छात्र हंसने लगे।
“कल तक जो मैंने लिखाया है रट कर हूबहू लिख कर दिखाओ। ज़्यादा होशियारी ना करो।”
अपमानित महसूस करते हुए दीपक ने धीरे से सिर हिला कर उनकी बात स्वीकार कर ली।

*आशीष कुमार त्रिवेदी

नाम :- आशीष कुमार त्रिवेदी पता :- C-2072 Indira nagar Lucknow -226016 मैं कहानी, लघु कथा, लेख लिखता हूँ. मेरी एक कहानी म. प्र, से प्रकाशित सत्य की मशाल पत्रिका में छपी है