लघु कथा : पहलू
दो प्रेमी युगल एक पत्रकार युवती,दूसरा फोटोग्राफर युवक सर्द रात के नौ बजे किसी मंदिर की घंटी से खनक रहे
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Read Moreआज बेटी हास्टल नही पहुंची, माँ और पापा का दिल किसी अनजान घटना की आशंका से जोरों से धडक रहा था,
Read Moreआज सुबह- सुबह मेरे प्रिय झिनकू भैया का गाँव से फ़ोन आया, स्क्रीन पर उनका नाम उभरा और मेरी बांछे
Read More‘सुनती हो!’ ‘हाँ कहो!… क्या बात है?’ ‘लगता है मेरी चप्पलें घिस गयी हैं| अभी-अभी बाथरूम में फिसलते-फिसलते बचा हूँ|’ ‘शाम
Read Moreसंजय बहुत देर से सड़क किनारे खड़ा किसी सवारी गाड़ी या वाहन के आने इंतज़ार कर रहा था| जून की
Read More“क्या मैं आपको आगे कहीं छोड़ सकता हूँ?” उसने कार ठीक उसके करीब रोकते हुए मीठी आवाज में कहा। फ्लाईओवर
Read Moreझिनकू भैया को गाँव में फोन किया, झुँझलाकर बोले भाई दो दिन बाद में बात करूँगा, अभी गेंहूँ काटने वाला
Read Moreठसाठस भरे होने के बावजूद भी पांडाल में पूर्ण शांति थी। स्वामी जी अपने प्रवचन के बाद देश-विदेश से आये
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