“ग़ज़ल”
वज़्न – 212—212—212 अर्कान – फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन बहर – बहरे-मुतदारिक मुसद्दस सालिम सांकेतिक गाना- आज जाने की ज़िद ना
Read Moreहम आऐं वो मिल जाऐं ये जरुरी तो नही हर बात आपको बताऐं ये जरुरी तो नहीं! खूबसूरत हो तुम,
Read Moreकुछ फर्ज शबे हिज्र निभाती चली गयी । नजरें हया के साथ झुकाती चली गयी ।। मानिंद माहताब
Read Moreहम आज तक खामोश हैं और वो भी कुछ कहते नहीं दर्द के नग्मों में हक़ बस मेरा नजर आता
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