ग़ज़ल
साधना कर यूँ सुरों की, सब कहें क्या सुर मिला बज उठें सब साज दिल के, आज तू यूँ गुनगुना
Read Moreप्यास अधरों की बुझा कर जाइये एक शमां दिल में जला कर जाइये || लूटते हो क्यों निगाहों से मुझे
Read Moreयूं आज मेरे सब्र की तौहीन कर गये। पलकों के बांध तोड कर आंसू बिखर गये॥ शिद्दत से बहुत हमने
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