ग़ज़ल
हमारे दर्दे दिल की अब दवा कोई नहीं करता। वफ़ा की बात करते सब वफ़ा कोई नहीं करता ।
Read Moreनाम पर कोहराम कर के क्या मिलेगा। हमको यूं बदनाम कर के क्या मिलेगा॥ वक्त अपने आप कर देंगा बयां
Read Moreमुंसिफ ने बिन खता ही ख़तावार लिख दिया। बिना गुनाह मुझको गुनहग़ार लिख दिया॥ हर राह अपनों ने छला मुझको
Read Moreदर्दे दिल की दवा दीजिये। आप बस मुस्कुरा दीजिये॥ झुकती नज़रों के पैमानो से। मयकशी कुछ करा दीजिये॥ मेरी तन्हाईयों
Read Moreआप को प्यार से सजा देंगे दूरियाँ बीच की मिटा देंगे हम पुजारी हैं,अपने मन्दिर का देवता अब तुम्हें बना
Read Moreलगा है ज़ोर का झटका, चमन को आज धीरे से परिंदों की उठी आवाज, स्वरों में दम मजीरे से पत्तों
Read Moreजरुरी है जरुरी है, के दिल का आशियाँ भी हो आशियां में कोई आये, और आना भी जरुरी है। कोई
Read Moreहवाओं में हैं शोखियां , बरस रही शबनम भी है अधरों पर मुस्कुराहटें तो आँखें थोड़ी नम भी है इलज़ाम
Read Moreपीर को रख तू छुपा के जख्म ये बाज़ार है जालिमों की बस्तियां औ द्वेष ही संसार है झूठ का
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