मुक्तक
===================================== खिली खिली सी सुबह सुहानी हसीन सपने जगा गई है हमारी पलकों पे आके चुपके से ख्वाब कोई सजा
Read Moreतुम्हारा साथ ही मुझको करता मजबूर जीने को तुम्हारे बिन अधूरे हम विवश हैं जहर पीने को तुम्हारा साथ पाकर
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