वैलेंटाइन पूछता
वैलेंटाइन का चढ़ा, ये कैसा उन्माद।फौजी मरता देश पर, कौन करे अब याद।। सौरभ उनको भेंट हो, वैलेंटाइन आज।सरहद पर
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Read Moreशारद माता का है यह दिन, वसंत पँचमी आज।निज मन मे हम सभी धारकर, करते लेखन काज।। मातु कृपा होती
Read Moreउनकी कर तू साधना, अर्पण कर मन-फूल।खड़े रहे जो साथ जब, समय रहा प्रतिकूल॥ जंगल रोया फूटकर, देख जड़ों में
Read Moreहोली के त्यौहार पर, सब को देना प्यार,ऐसे रंग दो सभी को, हो फागुन गुलजार। यारों हंगामा करो , करो
Read Moreनित चिल्लाते हम सभी, धर्म चीखता नाम।नहीं शेष अब लग रहा, आज और भी काम। हमको कितना ज्ञान है, खेल
Read Moreतिरंगा जग में हमको दे रहा, भारत की पहचान।बसा तिरंगा प्राण में, यही देश की जान।इसको हम कर नमन ,
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