हाइकु
चली मथनी, हो गई एकत्रित, मक्खनी यादे चली मथनी, विष से नीला कंठ, अमृत बाँट चली मथनी, पिला रही गोपियाँ,
Read More1 फूटने लगा ललछौंहा उजास पूरबी छोर । 2 प्यासा पादप ताके अंतिम क्षण बरसो मेघ । 3 खिला सुमन
Read More(1) जेठ ज्यों चूल्हा तवा बनी धरती सूरज सम आँच मानव सिंकें उबलता पसीना हाँफती त्रस्त साँसें (2) तुम
Read More1 :~ सच बोलना आईने से सीखिये टूट कर भी 2:~घूरते नैंन सृष्टी देवी व्यथित छुपाये तन 3:~आत्मा जुगनूं घट
Read More1 माला की सूता संजोये दो दो ड्योढीं सेतु है सुता । 2 घर गमले स्त्री-वट हो बोंजाई रिश्ते सम्भले।
Read More1 भीगी है चोली सुलगा तन मन विरही होली । 2 होली में लाल रंग नहायी पिया खुश्बू तू ख्याल
Read More1 अँक हो तंग मिटे जलन जंग स्नेह बौछारें । 2 धूल की होली बवंडर बनाती हवा खेलती । 3
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