गीतिका/ग़ज़ल डॉ. सुलक्षणा अहलावत 29/08/2018 गीतिका जब से मिली है लड़कियों को आज़ादी, खुद लड़कियाँ चुन रही हैं राह ए बर्बादी। ना जाने क्या सोचकर चुप Read More
गीतिका/ग़ज़ल डॉ. सुलक्षणा अहलावत 29/08/2018 गीतिका उदासियों को दूर भगाने की कोशिश करती हूँ, बस रोते हुए को हँसाने की कोशिश करती हूँ। मुरझाए हुए चेहरे Read More
कविता रमाकान्त पटेल 28/08/201828/08/2018 सफ़र सब्र कर वन्दे तेरे भी दिन आएंगे कर रहे हैं आज जो तेरी बुराई कल वही लोग तुमको मनाएंगे बस Read More
गीतिका/ग़ज़ल *महातम मिश्र 28/08/2018 “गीतिका” पदांत- नहीं, समांत-अहरी, मापनी-2122 2122 2122 12 आप के दरबार में आ शांति ठहरी नहीं दिख रहा है ढंग का Read More
गीतिका/ग़ज़ल *सलिल सरोज 28/08/2018 तुम्हारे हुश्न की मनमानी देख लिया दरिया भी देखा,समन्दर भी देखा और तेरे आँखों का पानी देख लिया दहकता हुश्न,लज़ीज नज़ाकत और तेरी बेपरवाह जवानी देख Read More
कविता *भरत मल्होत्रा 28/08/2018 कविता ये जो तुम आज ठूंठ देखते हो कभी हुआ करता था वृक्ष हरा भरा जिसकी हरियाली से थी घर में Read More
क्षणिका *अंजु गुप्ता 27/08/2018 जुगत ठिठुर मरे न “गरीब” सर्दी से … राजनीतिज्ञों ने जुगत लगाई, दूर करके अपनी “गरीबी” महँगाई की आग जलाई ।। Read More
कविता *अंजु गुप्ता 27/08/201829/08/2018 किसान ब्रह्ममुहूर्त में, सजग प्रहरी की तरह, उठा अपने शस्त्र, खेतों में… सोना उपजाए । भूलके अपनी, पीड़ और छाले, झोंके Read More
गीत/नवगीत *महातम मिश्र 27/08/2018 “गीत” मापनी- 22 22 22 22 कितना सुंदर मौसम आया साथी तेरा साथ सुहाया पकड़ चली हूँ तेरी बाहें आँचल मेरा Read More
कविता *महातम मिश्र 27/08/2018 रक्षाबंधन रक्षाबंधन, 26-8-18 भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को अपने आँचल में छूपाये हुए इस महान पर्व रक्षाबंधन के अनुपम अवसर पर Read More