आरक्षण का दंश
प्रेम शब्द की परिभषा बदली नयनों की भी भाषा बदली अधरों पर कुछ और राग है जीभ कहे कुछ और
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Read Moreरहते हो पास में तुम, परदेस के मेले में होते न हो कभी गुम, परदेस के मेले में रोली, न
Read Moreकिसने खोया किसने पाया धरा पर थी ग़म की लहर, स्वर्ग पर थी ख़ुशी की लहर। भारत ने खोया अनमोल
Read Moreअभी राह में हूँ । ऐ बरखा! जरा थम के बरस । या लगा लेने दे, दो घूंट “मैं” के
Read Moreशालीनता सभ्यता आदर्श का संगम याद करेंगे भावों के चितेरा तुम्हे हरदम भारत माता का सपुत आया था अटल नाम
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